कनीना सड़क हादसे के बाद प्रदेश में स्कूली बसों को लेकर पेरेंट्स अलर्ट
Kanina Road Accident
बोले तेज स्पीड, नियमों का पालन और स्कूल की देखरेख जरूरी
अर्थ प्रकाश आदित्य शर्मा
पंचकूला। Kanina Road Accident: महेंद्रगढ़ के कनीना में वीरवार को स्कूली बस के साथ हुए दर्दनाक हादसे ने प्रदेश में मानों पेरेंट्स की नींद उड़ दी है। जो भी बच्चों की मौत की खबर सुनता है सिहर हो उठता है।हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में एक भीषण हादसा हुआ है। यहां कनीना के उनहानी इलाके के नजदीक वीरवार सुबह बच्चों से भरी एक स्कूल बस पलट गई। इस हादसे में 6 से 8 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। जबकि दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल हुए हैं। जिनमें से कुछ बच्चों की हालत बेहद ज्यादा गंभीर है। सभी घायल बच्चों को इलाज के लिए आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया है। हादसे के बाद सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए थे। साथ ही आसपास के लोगों ने भी बच्चों को राहत पहुंचाने में मदद की। बताया जा रहा है कि, हादसे के समय बस में 35 से 40 बच्चे सवार थे।
परिजनों को सोचने पर मजबूर कर दिया
अनियंत्रित बस के हादसाग्रस्त होने के बाद काफी बच्चों को चोट आई और कई बच्चे जिंदगी की जंग हार गए हैं। इस भीषण हादसे ने जहां एक तरफ परिजनों को सोचने पर मजबूर कर दिया वहीं स्कूली बसों का संचालन कर रहे स्कूल भी अलर्ट हो गए हैं। पेरेंट्स का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों की बसों को नियमों का सख्ती से पालन करने और बच्चों की देखरेख के लिए स्कूल की जिम्मेदारी तय की गई है। मगर कनीना हादसे के बाद अपने मसूम को स्कूल बस में भेजने वाले पेरेंट्स को अंदर से हिला कर रख दिया है। हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने भी स्कूली बस हादसे के प्रति अपना दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि हादसे के जिम्मेदार दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
पेरेंट्स की स्कूली बसों को लेकर क्या है राय
बसों में बच्चों की संख्या अधिक नहीं होनी चाहिए। बस के चालक को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए और उसका नियमित रूप से मेडिकल होना चाहिए- प्रिया
ड्राइवर की लोकेशन ट्रेस करते रहना चाहिए। ड्राइवर को बस स्पीड लिमिट में चलानी चाहिए।- नीरज अत्री
सुबह और दोपहर को स्कूल बसों में टीचर्स की ड्यूटी लगानी चाहिए। बस स्कूल में वापस पहुंचने तक टीचर्स भी बस के साथ होने चाहिए। - किरण शर्मा
स्कूल बस पेरेंट्स का व्हाट्स एप ग्रुप होना चाहिए। जिसपर पेरेंट्स बच्चे के घर पर पहुंचने के बारे रिस्पॉन्स दे सकें। - रुचिका
पुलिस को भी चाहिए वह सप्ताह या महीने में एक बार जरूर स्कूल में जाकर सभी ड्राइवरों का टेस्ट लेकर स्कूल की जिम्मेदारी तय करे।- संध्या शर्मा
स्कूल को बच्चों की जिम्मेदारी लेनी होगी नहीं तो ड्राइवर अपनी मनमानी कर बस को स्पीड में दौड़ाने लगते हैं। इधर स्कूल बस ड्राइवरों पर सुबह जल्दी आने का प्रेशर बनाते हैं। जाते हुए बच्चों को घर समय पर छोड़ने का प्रेशर होता है जो नहीं होना चाहिए- मीनाक्षी
स्कूल बसों के रूट को लेकर प्रशासन को शहरों में अलग रूट तय करना चाहिए। उस रूट पार्पोलिस तैनात हो और बसों की मनमानी को भांप सके।- अमन शर्मा
बस चालाक पूरा ब्योरा पेरेंट्स के पास भी होना चाहिए। - शिखा
स्कूल बस के आदतन उल्लंघन करने पर बस और ड्राइवर की हिस्ट्री तय करनी चाहिए ताकि एक्शन हो सके। - शिवानी
चिराग बुझ जाए तो जीवन में रौशनी के कैसी। जब से बस पलटने की खबर बारे सुना कोई चीज गले से नीचे नहीं उतर रही। प्रवीण गौड़